एक अर्ज़
जिसे उड़ने की इज़ाज़त न हो
उसे पंख भी न दिए जाए
ऐसे पंख ज़िन्दगी भर चुभते है
ऐसे सपने न दिखाए जाए
जिनके सच होने की कोई गुंजाईश ही नहीं
ऐसे सपने साड़ी ज़िन्दगी दर्द देते है.
(Will try some other day to complete it. Hopefully till then something good may happen and I might need not to complete this. Hmmm.. Good Luck Zindagi.)
जिसे उड़ने की इज़ाज़त न हो
उसे पंख भी न दिए जाए
ऐसे पंख ज़िन्दगी भर चुभते है
ऐसे सपने न दिखाए जाए
जिनके सच होने की कोई गुंजाईश ही नहीं
ऐसे सपने साड़ी ज़िन्दगी दर्द देते है.
(Will try some other day to complete it. Hopefully till then something good may happen and I might need not to complete this. Hmmm.. Good Luck Zindagi.)